रेखा/गोविन्द सलोता
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपनी अमृतसर यात्रा पंजाब कांग्रेस और अकालियों की आपसी खींचा तानियों के कारण रद्द करनी पड़ी है. दोनों ही पार्टियाँ ओबामा की स्वर्ण मंदिर की यात्रा का लाभ एक दुसरे को नहीं लेने-देना चाहती. सिर ढकने की अनिच्छा की अटकलों के उलट ओबामा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को खुश करने के लिए स्वर्ण मंदिर जाने को लेकर बेहद उत्सुक थे. सप्रंग नेतृत्व से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पंजाब कांग्रेस ने ओबामा की यात्रा टलवाने के लिए सारे तीर छोड़ दिए. इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति का विरोध नहीं, बल्कि स्वर्ण मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों में अकाल तख़्त के लोगों के अलावा मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह के छाए रहने का डर है.
पंजाब कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उन्हें भी प्रोटोकोल का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि स्वर्ण मंदिर प्रांगन में ओबामा के साथ-साथ उनकी उपस्थिति भी प्रमुखता से देश-विदेश में दिखाई दे. उनका यह भी कहना है कि अगर ऐसा नहीं होगा तो ओबामा के इस दौरे का सियासी फायदा अकालियों को भी मिलेगा. इस बार व्हाइट हाउस ने खुद अमृतसर यात्रा की इच्छा जताई थी इसलिए पंजाब तर्कों से परेशान पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने बीच का रास्ता निकालने के लिए विदेश राज्यमंत्री प्रणीत कौर को कांग्रेस के चेहरे के रूप में ओबामा के साथ दिखने का प्रस्ताव दिया.
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Which came first? chicken or the egg
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