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बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

सड़ गया 58 हज़ार करोड़ का अनाज

 अक्तूबर 20 जयपुर (रेखा/निधि )। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि देश में एक तरफ महंगाई बढ रही है, 40 प्रतिशत लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा, दूसरी ओर सरकारी गोदामों में एक साल में 58 हजार करोड रूपए का अनाज सड गया।
अगले साल यह आकंडा एक लाख टन तक पहुंचने की आंशका है जिसकी कीमत एक लाख करोड रूपए होगी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान सह-प्रभारी किरीट सौमेया ने केन्द्र पर आरोप लगाया है कि सरकार शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए अनाज स्टाक के तयशुदा मापदण्डों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में अनाज का तय बफर 269 लाख टन है, परंतु एफसीआई के माध्यम से भारत सरकार ने इस स्टाक को 625 लाख टन कर रखा है जिसके कारण 180 लाख टन अनाज खुले में रखा है। अनाज के खराब रख-रखाव एवं ज्यादा स्टोरेज से अनाज सड रहा है और यह सडा हुआ अनाज केन्द्र सरकार सस्ते दामों पर शराब बनाने वाली कंपनियों को दे रही है।
भाजपा द्वारा लगाई गई एफीसीआई के गोदामों में सड रहे गेहूं की दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद सौमेया ने केन्द्र सरकार से इस बात का खुलासा करे कि अब तक कितना सडा अनाज शराब कंपनियों को दिया जा चुका है

2 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

इसके लिए देश के कृषि मंत्री तथा खाद्य निगम के अधिकारीयों को सजा होनी चाहिए...

संजय भास्‍कर ने कहा…

honesty democoracy ji se sehmat hoon.

sanjay bhaskar
Fatehabad