** भूल करना कोई बुरा नहीं है लेकिन भूल को भूल न समझना बहुत बुरी बात है
एक्रागता आत्म साक्षात्कार की कुंजी है.....
** मनुष्य का जीवन स्वयं ही प्रत्यक्ष देवता है अन्य देवताओ की कृपा तो परलोक में मिलती है पर अपने जीवन को सुघर सुसंस्कृत बनाने की उपासना के लाभ तो इसी जीवन में ही मिलती है.
1 टिप्पणी:
पसंद आया यह अंदाज़ ए बयान आपका. बहुत गहरी सोंच है
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