नई दिल्ली/मुंबई। | |
भारतीय नेतृत्व से सामरिक वार्ता शुरू होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को स्पष्ट किया कि उनका देश भारत-पाक संबंधों के बारे में अपने को थोपेगा नहीं। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में मध्यस्थता का अमेरिका का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने माना कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान की प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। मुंबई का अपना दो दिवसीय दौरा खत्म कर ओबामा रविवार दोपहर बाद नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रोटोकाल को दरकिनार कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। तीखे सवालों से रूबरू होना पड़ा मायानगरी के सेंट जेवियर कॉलेज के छात्रों से भेंट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को कई तीखे सवालों से रूबरू होना पड़ा। अमेरिका आखिर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित क्यों नहीं कर रहा, इस सवाल के जवाब में ओबामा ने कहा हमारी विदेश नीति यह है कि पाकिस्तान के साथ संबंध रखते हुए उसे यह बताया जाए कि अमेरिका एक स्थिर, खुशहाल और शांतिपूर्ण पाकिस्तान से अधिक कुछ नहीं चाहता। हम आतंकवाद रूपी कैंसर के सफाए के लिए पाक सरकार के साथ काम कर रहे हैं । पाक सरकार अब उस खतरे को समझ रही है जो उसकी सीमाओं के भीतर विद्यमान है। विवादित मुद्दों की ओर बढ़ना चाहिए स्थिर और शांतिपूर्ण पाकिस्तान को भारत के हित में बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि समय के साथ भारत और पाकिस्तान में विश्वास बढ़ेगा और वार्ता कम विवादास्पद मुद्दों से शुरू होकर अधिक विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने की ओर बढ़ेगी। गौरतलब है कि नई दिल्ली लगातार इस बात की वकालत करता रहा है कि भारत-पाक को पहले कम विवादित मुद्दों पर चर्चा शुरू करनी चाहिए और इसके बाद ही कश्मीर जैसे अधिक विवादित मुद्दों की ओर बढ़ना चाहिए। ओबामा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान साथ-साथ चलकर खुशहाली हासिल कर सकते हैं। ऐसा तुरंत ही नहीं हो जाएगा, लेकिन अंतिम लक्ष्य यह होना चाहिए। दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका इस प्रक्रिया का साझेदार बन सकता है, लेकिन भारत और पाकिस्तान को खुद किसी समझौते पर पहुंचना होगा। मुंबई का दौरा पूरा कर ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में नई दिल्ली पहुंचे, पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्नी गुरशरण कौर के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वाशिंगटन में ओबामा के पहले राजकीय अतिथि होने का सम्मान हासिल कर चुके मनमोहन ने इस स्वागत के जरिए अमेरिकी मेहमान की भारत में विशेष अहमियत का संदेश दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, विदेश सचिव निरुपमा राव और अमेरिका में भारतीय राजदूत मीरा शंकर समेत कई अधिकारियों से भी मिले। चाणक्यपुरी स्थित अमेरिकी दूतावास रूजवेल्ट हाउस में भी कुछ पल गुजारने के बाद ओबामा शाम को हुमायूं का मकबरा देखने भी पहुंचे। |
रविवार, 7 नवंबर 2010
भारत-पाक के बीच मध्यस्थता में अमेरिका का कोई इरादा नहीं : ओबामा
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