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Need create wants, Wants create tension, Tension creates action And Action creates SATISFACTION

सोमवार, 29 नवंबर 2010

जिंदाबाद जिंदगी

26/11.....2008.... जब आतंकियों की गोलियों से रात की चादर मुंबई ही नहीं, पूरे देश पर फ़ैल गई थी| लेकिन हर रात के बाद एक सुबह होती है, हर अन्धकार का अंत होता है और जिंदगी की सुगंध चारों ओर बहती है| उसी तरह देश की शान होटल ताज का घायल गुम्बद आज हमें हौंसले ऊँचे रखने की प्रेरणा देता है|
     धुंए में लिपटे हुए लाल गुम्बद से निकलती सुर्ख लपटों की रोशनी आज भी आँखों में जलती हुई दिखाई देती है और सारा मंजर याद आ जाता है| मुंबई पर हमला भारतीय गणतंत्र के इतिहास का सबसे घटक, भयानक और सबसे अधिक सबक सिखाने वाला था| जान माल के भारी नुकसान के अलावा हमले में पुलिस के जवानों, कमांडो और विदेशी नागरिकों तक को निशाना बनाया गया| जो देश महाशक्ति बनने की महत्वकांक्षा  रखता है, वह विश्व के सामने विशाल वृक्ष के समान नजर आया जिसका तना खोखला है| यह घटना भारत के बुद्धिजीवीयों के आंतरिक विचारों को पूरे देश के सामने लाती है| मुंबई हमले के दो बरस बाद जब सारा देश  भारत भूमि पर हुए आतंकी आक्रमण का स्मरण कर रहा है तब यह प्रश्न मन में उठता है कि इस हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही अब तक क्यों नहीं हुई ?
   दस आतंकी पाकिस्तान के कराची से स्टीमर पर सवार होकर निकलते है, बड़े आराम से गेट ऑफ इंडिया के करीब मुंबई में दाखिल होते है और चार गुटों में बंट कर पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की तरफ बढ़ जाते है| एक गुट ताज पर कब्ज़ा करता है, दूसरा लिओपोल्ड कैफे और ओबरोए होटल पर धावा बोलता है, तीसरा छब्द हाउस  में घुस जाता है और चौथा छत्रपति रेलवे स्टेशन पर पहुँचता है| वे जहाँ भी जाते हैं खून की नदियाँ बहा देते हैं | बड़ी निर्दयिता से निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया जाता है| जब तक उनमें से 9 मारे जाते हैं और 1 जिंदा पकड़ा जाता है, तब तक वे 180 लोगों को मौत के घाट उतार चुके थे| यह कोई सामान्य तौर पर होने वाला रूटीन आतंकी हमला नहीं था, बल्कि इस घटना को पाकिस्तान की सेना, वहां की ख़ुफ़िया एजेंसी और आतंकवादियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया था| इसके सबूत भारत के पास मौजूद है| पहले तो पाकिस्तान ने इस घटना में अपनी सरजमीं से किसी के भी शामिल होने से इन्कार किया, लेकिन जब सबूतों और पूरी दुनिया का दबाव पड़ा तो उसने बड़ी मुश्किल से स्वीकार किया कि हां इस घटना को उसी की सरजमीं  से अंजाम दिया गया था|
   आतंकी हमला होने के बाद जिस तत्परता की आवश्यकता थी नहीं दिखाई दी| आतंकियों ने जिस खतरनाक रफ़्तार और योजना से हमलों को अंजाम दिया, उसके विपरीत राज्य और केंद्र सरकार का सुरक्षा तंत्र बिल्कुल ही लाचार नजर आया| इस ढांचे ने खुद को सँभालने में काफी समय लिया, तो ये देश को क्या सँभालते ? इस  घटना के सन्दर्भ में सवाल ये उठता है कि मुंबई पर 26/11 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने क्यों कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की ? मुंबई को लहूलुहान कर भारत की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले आतंकियों के संरक्षक और समर्थक आज भी पाकिस्तान में खुले आम घूम रहे हैं| जबकि हमले के दौरान ही ये सन्देश पकड़ में आ गया था कि इसके सूत्रधार पाकिस्तान में बैठे है और हमला कर रहे आतंकियों को आईएसआई और पाक सेना के आला अधिकारीयों की तरफ से निर्देश मिल रहे है, तब भारत खामोश क्यों बैठा रहा ? संसद पर हमले के बाद यह हमारी ख़ामोशी का ही नतीजा था कि आतंकवादियों का हौंसला इतना बढ़ा गया कि उन्होंने मुंबई जैसे खतरनाक हमले को अंजाम देने की हिम्मत जुटाई| यदि भारत ने आक्रामक जवाब उसी समय दे दिया होता तो मुंबई की यह घटना शायद ही होती भारत की इस कमजोरी का फायदा पाकिस्तान बार-बार उठता है| आखिर यह तथ्य है कि हम जिस तरह संसद पर हमले को याद करते है उसी तरह कारगिल युद्ध को भी याद करने की रस्म अदा कर ली जाती है| लेकिन हम है कि अपनी नरम निति में कोई बदलाव ही नहीं लाना चाहते| कठोर कार्यवाही का अर्थ केवल युद्ध छेड़ना ही नहीं होता बल्कि इसके लिए मजबूत राजनितिक इच्छाशक्ति की जरुरत है| आतंकवाद को खत्म करने के लिए जीरो टालरेंस की निति अपनानी होगी और पाकिस्तान से सभी तरह के रिश्ते ख़त्म करने होंगे| सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि मुंबई हमले के सन्दर्भ में भारत सरकार अपने उस वादे पर भी कायम नहीं रह सकी जो उसने देश दुनिया के सामने दृढ़तापूर्वक किया था | देश की जनता को यह भरोसा दिलाया था कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों को हर हाल में न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा| लेकिन भारत ने ये सब भूल कर पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया| यह भी कम शर्मनाक नहीं है कि हमले के दौरान रंगे हाथ पकड़ा गया आतंकी कसाब आज भी जेल की रोटियां तोड़ रहा है| आखिर देशवासी ये क्यों न महसूस करे कि उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है| भारत सरकार चाहे जैसे भी दावे कर देश की जनता को सांत्वना देने का प्रयास क्यों न करें, वह पाकिस्तान पर दबाव बनाने में समर्थ नहीं है| यह भयानक घटना तब हुई जब भारत अनेक आतंकी हमलों की मार झेल चुका था | 2008 में ही 13 मई को जयपुर में 8 बम विस्फोटों में 80 लोगों की मौत हुई, 26 जुलाई को अहमदाबाद में श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में 53 लोग मारे गए और दिल्ली में हुए 8 धमाकों में 26 लोग मौत के मुंह में समा गए | दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि भारत ने न सुधरने की कसम खा रखी है, जिस कारण बार -बार हमले होते हैं| पाकिस्तान में जब बाढ़ आई तो उसने सहयोग लेने से मना कर दिया| इसके बावजूद भारत ने उसे 2.5 करोड़ डॉलर दिए, जो एक तरह से उनके मुंह में जबरन ठुसने जैसा था | आज इस पर विचार करने की जरुरत है कि क्या मजबूत पाकिस्तान वाकई भारत के हित में होगा ? पाकिस्तान अपने यहाँ से भारत में आतंकी हमलों का ताना-बाना बुनता रहता है और इन्हें अंजाम देता रहता है, लेकिन दिल्ली में बैठी सरकार सिर्फ अटकलें ही लगाती रहती है कि कब कहाँ हमला हो सकता है और इन्हें कैसे रोका जाये ? हमारे प्रधानमंत्री का यह कानूनी दायित्व है कि वह देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सुनिश्चित करे | परन्तु उनके कामों को देखा कर यह नहीं कहा जा सकता कि वे अपनी  सवैंधानिक जिम्मेदारी को भी पूरा करने में ईमानदार रहे हैं | हमारी सरकार गुलाम मानसिकता की शिकार है, इसलिए हमारा व्यवहार व कार्यवाही का स्तर भी गुलामों जैसा ही है| हम हर मामले में अमेरिका का मुंह ताकते रहते हैं | अगर दूसरी तरफ देखा जाये - आतंकवाद के पहले चरण में कश्मीरी पंडित और अन्य निर्दोष लोगों को घाटी में मौत के घाट उतारा गया था | इस बुद्धिजीवी वर्ग ने तब भी इनके प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन नहीं  किया था | दूसरी तरफ इन्हीं में से कुछ ने कश्मीरी युवाओं के खिलाफ सवाल उठाते हुए आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश की| जिसके कारण देश को बेहिसाब नुकसान उठाना पड़ा| आतंक नामक कैंसर को तो शुरुआत में ही ऑपरेशन कर ख़त्म कर देना चाहिए था| लेकिन अब आतंक की ये कोशिकाएं पूरे शरीर में फैल गई है और भारत के महत्वपूर्ण अंगों पर वार कर रही हैं| इसके खात्मे के लिए अब लम्बा समय और भरी  संसाधन  चाहिए | पहले  ही हजारों  जानें  और  हजारों  करोड़ों  रूपये  इसकी भेंट चढ़  चुके  हैं | अगर  हम  26/11 की  पुनरावृति  से  बचना  चाहते  है  तो  खुद  से  कुछ  सवाल  पूछने  होंगे - क्या  हम  अपने  शासन  तन्त्र  में  सुधर  ला  रहे  हैं और  अपनी  राजसता  की  कमियों  को  दूर  करने  की  दिशा  में  कम  कर रहे  हैं? क्या  हम बुद्धिजीवी  तबके को  नई दिशा दे रहे है? क्या हम  लोगों में नया रुख और दृष्टिकोण पैदा करने  की  कोशिश  कर  रहे  हैं ?
इस  घटना  की  कहानी  बयां  करने  के  लिए  आंसू  भी  कम  पड़ जाते  है.......|

गुरुवार, 25 नवंबर 2010

Learn From Failure..........

 I will not say I failed 1000 times, I will say that
 I discovered 1000 ways that can cause failure.

                                      Thomas Alva Edison

Everybody Can Made Mistakes

If someone feel that he never made a mistake in their life,
It means they have never tried a new thing in their life.

                                                               Albert Einstein

Napoleon said...........

The world suffers a lot…Not because of the violence of bad people,But because of the silence of good people!
                                                         

Problems Tells U R On Right Path

In a day when you dont come accross any problems, 
You can be sure that you are travelling in a wrong path.

                                                      SWAMI VIVEKANAND 

If u Luv 2 All Then U luv 2 God

If you start judging people, you will be having no time to love them,
If we cannot love the person whom we see, then how come we love god whom we cannot see.


                                                                                             MOTHER TERESA

Change Urself World Automatically Changed

Everyone thinks of changing the world, 
But no one thinks of changing himself.

                                             LEO TOLSTOY    

What is Real Winning

Winning does'nt always mean being first,
Winning means you are doing better than you have done before.

                                                                BONNIE BLAIR

बुधवार, 24 नवंबर 2010

Only Challenges Make Us great

There are no great people in this world,
Only great challenges which ordinary people rise to meet.

                                                 William Frederick Halsy, Jr

Be Happy Today...........

Each morning when I open my eyes I say to myself:
I, not events, have the power to make me happy or unhappy today.
I can choose which it shall be. Yesterday is dead, tomorrow hasn't arrived yet.
I have just one day, today, and I'm going to be happy in it.

                                                               -Groucho Marx

Believe In Urself

If you believe you can, you probably can. If you believe you won't, you most assuredly won't.        Belief is the ignition switch that gets you off the launching pad.

                                                                  Denis Waitley

Should Be Understand

A man may fall many times, but he won't be a failure until
He says that someone pushed him.

                                                Elmer G. Letterman

Order Of Success

In order to succeed, your desire for success
Should be greater than your fear of failure.

                                             Bill Cosby                       

Measure a man's success

I don't measure a man's success by how high he climbs
but how high he bounces when he hits bottom.
                                                   
                                                         George S. Patton

मंगलवार, 23 नवंबर 2010

टीवी की सांस्कृतिक समस्या

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने एक बार फिर से हस्तक्षेप किया है| उसके पास शिकायते थी और उसके सामने समस्याएं भी थी कि "बिग बॉस" और "राखी का इन्साफ" नमक रियलिटी शो में जिस तरह के सीन और जैसी अशिष्ट भाषा का दिखाई जा रही है वह औचित्य कि हदों को पार कर रही है| गाली गलौच की मात्र बढ़ रही है और अशोभनीय दृश्यों की मात्र बढ़ रही है| चिंतित मंत्रालय और क्या करता ? उसने जो किया वो ठीक किया | चैंनलों के कार्यक्रमों  को प्राइम टाइम से हटा कर रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक दिखने का आदेश दिया है| यह भी कहा गया है कि इन्हें दिखने से पहले चेतावनी दी जनि चाहिए कि यह कार्यक्रम बछो के देखने लायक नहीं है| यह भी कहा कि न्यूज़ चैनल अपने प्राइम टाइम की या उससे पहले की ख़बरों में कई बार ऐसे कार्यक्रमों के प्रोमोज दिखाते रहते हैं| यह बंद होना चाहिए| स्पष्ट है कि आदेश इन कार्यक्रमों को को ' रेगुलेट ' करने के लिए आया, न कि इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए आया| लेकिन चैनलों ने इस आदेश को आजादी में हस्तक्षेप माना है| इस पृष्ठ भूमि ने एक बड़ी सांस्कृतिक बहस के मुद्दे खोल दिए है| इस मसले पर आम जनता के पक्ष में बोलती सरकार का पक्ष है कि ये रियलिटी शो "रियलिटी" के नाम पर कृत्रिम, फूहड़, अशलील, और अमर्यादित जीवन शैली और व्यवहार को दिखाते रहते हैं| कार्यक्रमों और निर्माताओं को बढ़िया 'टीआरपी' मिलती है| कार्यक्रमों को बनाने वालों का कहना है कि जनता को हम वही दिखाते है जो वो देखना चाहती है| देखने के लिए उनकी ओर से कोई जबरदस्ती नही है| आपको देखना है तो आप देखें| कार्यक्रम के चुनाव का हक आपका है| इस प्रक्रिया में सरकार का हस्तक्षेप ठीक नहीं| यह तो सरासर तानाशाही हुई| अधिकांश हिन्दुस्तानी घरों में केवल एक ही टीवी सेट होता है और उसी से पूरा परिवार टीवी देखता है| हिस तरह की संस्कृति इन कार्यक्रमों में दिखाई जाती है वह तो वयस्कों की दुनिया के और अधिक उलट है| इस प्रक्रिया में 'नागरिक स्पेस' और 'नागरिकता' के मूल्य नहीं बनते और न ही एक दूसरे को समझने के मूल्य बन पते है| न ही नागरिक संस्कृति बनती है और न ही कहीं रचनात्मकता नजर आती है, इनके अलावा क्रूरता, हिंसक व्यवहार, नंगई से भरी भाषा का निर्माण होता है| इससे समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण पामेला एंडरसन है वो एपिसोड तो किसी से भी छुपे नहीं है| अब तो असहिष्णुता और हिंसा आम बात हो गई है| अगर दूसरी और हम देखे तो राखी का इन्साफ भी किसी से पीछे नहीं है| राखी ने तो एक व्यक्ति को टीवी पर ही 'नामर्द' कह दिया| कुछ दिन बाद वह मर गया| उसके घर वालों का कहना है कि नामर्द कहने से उसने अपने  आप को अपमानित महसूस किया और डिप्रेशन के कारण मर गया| उसके बाद उसके प्रति हमदर्दी जताने तक के लिए न तो राखी आई और न ही चैनल आया|
क्या आम आदमी आपके कार्यक्रम के लिए 'गिनिपग' है, जिन्हें दिखा कर आप करोडो कमाते  हो  और जब  जिम्मेदारी  की  बात  आई  तो  पीठ  दिखाते  है?  ऐसे  कार्यक्रमों  से  लोग  कई  ऐसे  ही  सवाल  पूछते  है  जिनके  जवाब नदारद  रहते  हैं| इस  तरह  के  कार्यक्रमों  पर  तो  सवाल  उठने  ही  चाहिए, बहस  होनी  ही  चाहिए , और  जवाबदेही  भी  फिक्स होनी  चाहिए|
इमोशनल अत्याचार  और रोडीज भी ऐसे  ही रियलिटी  शो  है, जिन  पर  बहस  की जानी चाहिए  कि वे दर्शकों  को  कौन  से  मूल्य  देते  है ? किसी  कार्यक्रम  पर  प्रतिबंध लगाना  एक  अलग  बात  है  और  उसे  रेगुलेट करना, उनका  नियमन  करना  एक  अलग  बात |  प्रतिबंध  का  तो  कोई  ओचित्य  ही  नही  है , लेकिन  नियमन  की जरुरत  तो  है |अरबों  रुपयों  के  टीवी  मनोरंजन  उद्योग  के  लिए  हमारे  यहाँ  किसी  भी  तरह  के  कंटेंट  की  निगरानी  की  व्यवस्था  नहीं  है . इसलिए  सांस्कृतिक  समस्याए  पैदा  होती  रहती  है . अदालत  का  फैसला  जो  भी  हो , यह  उचित  अवसर  है की निजी  मनोरंजन  चैंनल सरकार के साथ  बैठ  कर  वैसी  ही  एक आत्मनियांत्रिक आचार  सहिंता  के  बारे  में सोचें  जिस  तरह  की  अचार  सहिंता  26 नवम्बर  के  आतंकी  हमले  के  बाद  न्यूज़  ब्रोडकास्ट  ने  बने  है ......





मंगलवार, 16 नवंबर 2010

ईद-उल-जुहा का महत्व

 

ईद-उल-जुहा अर्थात बकरीद मुसलमानों का प्रमुख त्योहार है। इस दिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र के बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। बकरीद पर खरीददार बकरे, नए कपड़े, खजूर और सेवईयाँ खरीदते हैं। बकरीद पर कुर्बानी देना शबाब का काम माना जाता है। इसलिए हर कोई इस दिन कुर्बानी देता है।
इस्लामी साल में दो ईदों में से एक है बकरीद। ईद-उल-जुहा और ई-उल-फितर। ईद-उल-फिरत को मीठी ईद भी कहा जाता है। इसे रमजान को समाप्त करते हुए मनाया जाता है। एक और प्रमुख त्योहार है ईद-उल-मीनाद-उन-नबी, लेकिन बकरीद का महत्व अलग है। इसे बड़ी ईद भी कहा जाता है। हज की समाप्ति पर इसे मनाया जाता है।
इस्लाम के पाँच फर्ज माने गए हैं, हज उनमें से आखिरी फर्ज माना जाता है। मुसलमानों के लिए जिंदगी में एक बार हज करना जरूरी है। हज होने की खुशी में ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाता है। यह बलिदान का त्योहार भी है। इस्लाम में बलिदान का बहुत अधिक महत्व है। कहा गया है कि अपनी सबसे प्यारी चीज रब की राह में खर्च करो। रब की राह में खर्च करने का अर्थ नेकी और भलाई के कामों में।
ईद उल अजहा पर कुर्बानी दी जाती है। यह एक जरिया है जिससे बंदा अल्लाह की रजा हासिल करता है। बेशक अल्लाह को कुर्बानी का गोश्त नहीं पहुँचता है, बल्कि वह तो केवल कुर्बानी के पीछे बंदों की नीयत को देखता है। अल्लाह को पसंद है कि बंदा उसकी राह में अपना हलाल तरीके से कमाया हुआ धन खर्च करे। कुर्बानी का सिलसिला ईद के दिन को मिलाकर तीन दिनों तक चलता है।

बुधवार, 10 नवंबर 2010

नई एम्बुलेंस सेवा का शुभारम्भ करते अशोक तंवर


एम्बूलैंस सेवा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते डा. तंवर।
सिरसा, 9 नवम्बर :  सांसद डा. अशोक तंवर ने कहा कि भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट समाज सेवा के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्था है और इस संस्था द्वारा किए जा रहे समाज सेवा के कार्य सराहनीय है । उन्होने कहा कि अपने नाम के अनुरूप ट्रस्ट भाई कन्हैया के आदर्शों पर चल रहा है। डा. तंवर ट्रस्ट द्वारा संचालित एम्बूलैंस सेवा में नई एम्बुलेंस गाड़ी को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करने से पूर्व ट्रस्ट के कार्यालय में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। डा. तंवर ने कहा कि चार वर्षो में ही इस संस्था ने समाज सेवा की बुलन्दियों को छुआ है। उन्होंने ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं की सराहना की और उन्हें साधुवाद दिया। डा. तंवर ने कहा कि ट्रस्ट को किसी भी प्रकार की आर्थिक दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा और उन्हें जब भी किसी भी प्रकार की जरूरत महसूस होगी तो वे उसे पूरा करेगें। मा.सुभाष वर्मा ने ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि दुर्घटना के समय शहर के 25 किलोमीटर के दायरे में फ्री एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि सामान्य हस्पताल व श्रवण वाणी एवं विकलांग केन्द्र में रात्रि के समय दूध सेवा शुरू की गई है, वही ट्रस्ट द्वारा ब्लॅड डोनेशन कैम्पों का आयोजन करके रक्तदान की पूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 35 लड़कियों को गोद ले रखा है, जिनकी पूरी पढाई का खर्चा ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाता है। इस अवसर पर उनके साथ ट्रस्ट के प्रधान गुरविन्द्र सिंह, सचिव ऋ षि पाल जिन्दल, भूप सोनी एडवोकेट, अनिल बांगा, रमेश मेहत्ता नगरपार्षद, हरबंस जिन्दल, रंजीव गर्ग, हरदेव कुक्का, संजीव जैन, भवानी सिंह, तेजभान पनिहारी, सुरेन्द्र दलाल, तिलकचन्देल, पृथ्वी सिंह जेई सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सोमवार, 8 नवंबर 2010

आतंक के खिलाफ सशक्त संदेश: ओबामा

9 नवम्बर, नई दिल्ली | अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा भारत में पहुँच चुके हैं, और ताज होटल में रुके है | राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने कहा कि ताज होटल में उनका ठहरना आतंकवाद के खिलाफ उन लोगों को एक सशक्त संदेश है जिन्होंने मुंबई को दर्दनाक कुए में धकेल दिया था, और मांग की कि भयावह मुंबई आतंकी हमले के अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए| उन्होंने मुंबई आतंकी हमले का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दे कर भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू की, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी साझेदारी को और मजबूत करने की जरुरत है| यह तभी होगा जब हम एकजुट होकर काम करेंगे और आतंकवाद की जड़ों को मिलकर काटेंगे| बराक ओबामा भारत में कई मकसद लेकर आए है और साथ ही उन्होंने 20 सम्झोतो पर भी बात की| इस दौरान अपने छह मिनट के भाषण में उन्होंने मुंबई और भारत की जनता की संकल्प शाक्ति और संयम की सराहना की जिन्होंने मुंबई हमले में ग्रस्त हुए लोगों को एक साथ संभाला है| उन्होंने होटल के महाप्रबंधक कर्मवीर कांग का विशेष उल्लेख किया जो उस हमले में अपने परिजनों के मारे जाने के बावजूद 60 घंटे के उस भयावह हालात में काम करते रहे| उन्होंने कहा, ‘ताज भारतीय जनता की शक्ति का प्रतीक है|’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने उस भारतीय आया का भी जिक्र किया जिसने चाबड़ हाउस में मारे गए यहूदी दंपत्ति के बच्चे को बचाया|

रविवार, 7 नवंबर 2010

Today's thought for happy life...

Happiness always looks small, when you hold it in your hands...!!!!!
But when you learn to share it, you will realize,
How big and precious it is!!!!

भारत-पाक के बीच मध्यस्थता में अमेरिका का कोई इरादा नहीं : ओबामा



नई दिल्ली/मुंबई।
भारतीय नेतृत्व से सामरिक वार्ता शुरू होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को स्पष्ट किया कि उनका देश भारत-पाक संबंधों के बारे में अपने को थोपेगा नहीं। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में मध्यस्थता का अमेरिका का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने माना कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान की प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। मुंबई का अपना दो दिवसीय दौरा खत्म कर ओबामा रविवार दोपहर बाद नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रोटोकाल को दरकिनार कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया।

तीखे सवालों से रूबरू होना पड़ा
मायानगरी के सेंट जेवियर कॉलेज के छात्रों से भेंट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को कई तीखे सवालों से रूबरू होना पड़ा। अमेरिका आखिर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित क्यों नहीं कर रहा, इस सवाल के जवाब में ओबामा ने कहा हमारी विदेश नीति यह है कि पाकिस्तान के साथ संबंध रखते हुए उसे यह बताया जाए कि अमेरिका एक स्थिर, खुशहाल और शांतिपूर्ण पाकिस्तान से अधिक कुछ नहीं चाहता। हम आतंकवाद रूपी कैंसर के सफाए के लिए पाक सरकार के साथ काम कर रहे हैं । पाक सरकार अब उस खतरे को समझ रही है जो उसकी सीमाओं के भीतर विद्यमान है।

विवादित मुद्दों की ओर बढ़ना चाहिए
स्थिर और शांतिपूर्ण पाकिस्तान को भारत के हित में बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि समय के साथ भारत और पाकिस्तान में विश्वास बढ़ेगा और वार्ता कम विवादास्पद मुद्दों से शुरू होकर अधिक विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने की ओर बढ़ेगी। गौरतलब है कि नई दिल्ली लगातार इस बात की वकालत करता रहा है कि भारत-पाक को पहले कम विवादित मुद्दों पर चर्चा शुरू करनी चाहिए और इसके बाद ही कश्मीर जैसे अधिक विवादित मुद्दों की ओर बढ़ना चाहिए। ओबामा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान साथ-साथ चलकर खुशहाली हासिल कर सकते हैं। ऐसा तुरंत ही नहीं हो जाएगा, लेकिन अंतिम लक्ष्य यह होना चाहिए। दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका इस प्रक्रिया का साझेदार बन सकता है, लेकिन भारत और पाकिस्तान को खुद किसी समझौते पर पहुंचना होगा। मुंबई का दौरा पूरा कर ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में नई दिल्ली पहुंचे, पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्नी गुरशरण कौर के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वाशिंगटन में ओबामा के पहले राजकीय अतिथि होने का सम्मान हासिल कर चुके मनमोहन ने इस स्वागत के जरिए अमेरिकी मेहमान की भारत में विशेष अहमियत का संदेश दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, विदेश सचिव निरुपमा राव और अमेरिका में भारतीय राजदूत मीरा शंकर समेत कई अधिकारियों से भी मिले। चाणक्यपुरी स्थित अमेरिकी दूतावास रूजवेल्ट हाउस में भी कुछ पल गुजारने के बाद ओबामा शाम को हुमायूं का मकबरा देखने भी पहुंचे।

मंगलवार, 2 नवंबर 2010

पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा चलाई गई हाईटेक डेयरी स्कीम

सिरसा, 2 नवम्बर (रेखा/निधि)| जिला में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने, शुद्व व पूर्ण मात्रा में दूध की उपलब्धता व अच्छी नस्ल के पशुओं की बढ़ौतरी के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग हरियाणा द्वारा हाईटेक डेयरी स्कीम चलाई गई है| जिसके तहत योग्य प्रार्थियों का चयन करके उन्हें डेयरी प्रशिक्षण दिया जाता है और तत्पश्चात प्रार्थी का ऋण प्रार्थना पत्र संबंधित क्षेत्र के बैंक में ऋण हेतु भेज दिया जाता है।
    यह जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि विभाग द्वारा चलाई गई अनूठी स्कीम के तहत बेरोजगार लोग दूध के क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित कर सकते है। यह एक अनूठी स्कीम है। ऋण स्वीकृत होने के बाद 20 दूधारु पशु यूनिट द्वारा स्थापित करवाए जाते है और विभाग द्वारा 8.50 रुपए के टर्म लोन  का 15 प्रतिशत भाग अनुदान के रुप में इस स्कीम के तहत दिया जाता है तथा साथ-साथ में पशुओं का बीमा भी किया जाता है और पशुओं के बीमा प्रीमियम की राशि का 75 प्रतिशत भाग विभाग द्वारा दिया जाता है। इस स्कीम के तहत जिला में अब तक 12 हाईटेक डेयरी यूनिट स्थापित करवाई गई है तथा 15 लाख रुपए अनुदान राशि के रुप में वितरित किए गए है।
    उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ विभाग द्वारा बेरोजगार ग्रामीण व शहरी शिक्षित व अद्र्धशिक्षित युवक-युवतियों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए मिनी डेयरी योजना भी चलाई गई है| जिसमें सर्वप्रथम योग्य प्रार्थियों का चयन करके 11 दिन का डेयरी प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद प्रार्थियों से भिन्न-भिन्न बैंकों में ऋण आवेदन मांगा जाता है और उन्हें ऋण दिलवाकर उन्हें रोजगार प्रदान करवाया जाता है। यह योजना एक छोटे स्तर की योजना है जिसके तहत 10, 5 व 3 दूधारु पशु यूनिट स्थापित करवाई जाती है और विभाग द्वारा दूधारु पशु यूनिट का 15 प्रतिशत भाग अनुदान के रुप में दिया जाता है तथा एक पशु की कीमत 30 हजार रुपए अधिकतम रखी गई है। इस योजना में भी पशुओं के बीमों के लिए बीमा प्रीमियम की राशि का 75 प्रतिशत भाग विभाग द्वारा दिया जाता है।
    उन्होंने बताया कि जिला में मिनी डेयरी योजना के तहत करीब एक वर्ष में 48 यूनिटों की स्थापना की गई है तथा 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में दी गई है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे विभाग द्वारा चलाई गई रोजगार परक योजनाओं का पूरा लाभ उठाए और सरकार की हिदायतों अनुसार ऋण का भुगतान भी करे। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों के माध्यम से योजनाएं चलाती है और लोगों को इनका भरपूर फायदा उठाना चाहिए। 

हरियाणा दिवस पर कन्या महाकुआ पूजन

कुआपूजन करवाती अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी
सिरसा, 1 नवम्बर (रेखा/निधि)। स्थानीय सिरसा कल्ब में आज कन्या भ्रूण हत्या रोकने के अभियान को सामाजिक रुप देने के उद्देश्य से जिला में जन्मी कन्याओं के उपलक्ष्य में महाकुआ पूजन का अनूठा आगाज किया गया। इस कार्यक्रम में जिला उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने कन्याओं की माताओं को बधाई दी और कुआ पूजन करने वाली महिलाओं का उत्साहवद्र्धन किया। कार्यक्रम में जिला भर की करीब 161 परिवारों की उन महिलाओं को आमंत्रित किया गया था जिनके यहां कन्या का जन्म हुआ था।
    इससे पूर्व सिरसा कल्ब के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने कहा कि आज समाज में सबसे बड़ी लड़ाई कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ है क्योंकि बढता लिंगानुपात हमारे समाज, देश व प्रदेश में चिंता का विषय है। हम सबको मिलकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ सामुहिक रूप से प्रयास करने होंगे और यह तभी संभव होगा जब इस कार्य में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित होगी।  उन्होंने कहा कि हरियाणा दिवस के मौके पर हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम बेटी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि बेटी बचाओ अभियान में सभी को साथ लेकर कार्य किया जाए।  इस कार्यक्रम के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक सार्थक पहल की गई है जिसमें लोगों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया है। उन्होंने जिला के स्थानीय डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि चिकित्सकों ने मिलकर सामुहिक रुप से यह फैसला किया है कि वे किसी भी सूरत में अपने यहां अस्पताल के अंदर लिंग जांच नहीं करेंगे और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगों को जागरुक भी करेंगे।
    श्रीमती पंकज चौधरी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मात्र सरकार द्वारा कानून बनाकर किसी भी सामाजिक बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता। सामाजिक बुराईयों को मिटाने के लिए समाज को खुद ही आगे आना होगा। यह बड़े हर्ष की बात है कि अब कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए स्वयं महिलाएं आगे आई है। उन्होंने कहा कि इस महाकुआ पूजन अभियान के आने वाले समय में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे। समाज में कोई भी व्यक्ति लड़का और लड़की में मतभेद न समझे क्योंकि आज लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कही आगे हे और उन्होंने विभिन्न पटलों पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
    उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में आज समाज में लिंग भेद, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराईयां घर कर गई है। इनसे निजात पाने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा और समाज के प्रबुद्ध वर्ग को ही इस प्रकार की सामाजिक बुराईयां मिटाने के लिए संबंधित क्षेत्रों में अलख जगानी होगी तभी देश व समाज तरक्की कर पाएगा। उन्होंने महाकुआ पूजन समारोह में शरीक हुई 161 बेटियों की माताओं को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में शरीक हुई सभी 161 महिलाओं ने अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी की अगुवाई में नृत्य के साथ खुशी जाहिर कर अपने सिर पर बंटा, टोकनी रखकर जनता  भवन रोड़, आटो मार्केट रोड़ आदि विभिन्न बाजारों में शुभ यात्रा भी निकाली और निकट श्री डेरा बाबा श्योराण दास मंदिर में विधिवत विधान से ब्राह्मणों के मंत्रोचारण के साथ कुआ पूजन की रस्म अदा की।
    कुआं पूजन में भाग लेने वाली बिमला देवी, शारदा, कीर्ति आदि ने बताया कि हमें पहली बार कन्या जन्म के अवसर पर महाकुआं पूजन पर आने का अवसर मिला है और इन कार्यों से लड़के और लड़की में अंतर खत्म होने के लिए प्रेरणा मिलती है। उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनके घर बेटी पैदा हुई है। आंगनवाड़ी वर्कर रणजीत कौर ने बताया कि हमारे परिवार में यह छठी लड़की है और मुझे पूरा गर्व है कि हमारे घर में लड़की का जन्म हुआ है।
    इस अवसर पर नगराधीश श्री एच.सी भाटिया, पूजा बंसल, डा. आर.एस सांगवान, डा. के.के गौतम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सोमवार, 1 नवंबर 2010

Some Important in life...

**  भूल करना कोई बुरा नहीं है लेकिन भूल को भूल न समझना बहुत बुरी बात है
       एक्रागता आत्म साक्षात्कार की कुंजी है.....

** मनुष्य का जीवन स्वयं ही प्रत्यक्ष देवता है अन्य देवताओ की कृपा तो परलोक में मिलती है पर अपने जीवन को सुघर सुसंस्कृत बनाने की उपासना के लाभ तो इसी जीवन में ही मिलती है.