मुंबई १५ सितम्बर। वैश्विक मंदी का भूचाल थमने के साथ-साथ अपने पेरों पर खड़े हो रहे मुंबई के रियल्टी क्षेत्र को एक विशेष तोहफा मिला है। इस क्षेत्र की कम्पनियों को १९००० पुरानी और बदहाल इमारतों के पुनर्विकास के लिए १० करोड़ वर्ग फुट स्पेस इंडेक्स (ऍफ़एसआई) हासिल होने जा रहा है,जिसकी कीमत १००००० करोड़ बताई गयी है।
इनमें शहरी नवीनीकरण के तहत ढांचे, झुग्गियां,और तटवर्ती क्षेत्र व मछुआरों की बस्तियां भी शामिल हैं। पर्यावरण व वन मंत्रालय ने इन् क्षेत्रों को लेकर नरमी बरतने का प्रस्ताव किया है। इसी की वजह से रियल्टी की लाटरी लगने के आसार दिख रहे हैं।
अनुमान लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार पुनर्विकास एंव पुनर्निर्माण योजना के लिए ४ एफएसआई कि अनुमति दे सकती है। मुंबई के एक रियल्टी विशेषज्ञ ने कहा कि एफएसआई का मूल्यांकन महज १०००० रुपये प्रति वर्ग फुट है। इस तरह परियोजना की अनुमानित कीमत १ लाख करोड़ रुपये हो जाती है। लेकिन कुल कीमत तो इससे काफी ज्यादा होगी।
महाराष्ट्र के आवास मंत्री सचिन अहीर ने बिजनेस स्टेंडर्ड को बाते कि " हम केंद्र साकार के कदम का स्वागत करते हैं और हम खुश हैं कि पर्यावरण व वन मंत्रालय ने हमारी दलील कबूल कर ली कि समुद्र किनारे बसे मुंबई शहर का पुनर्विकास किया जाये। नए प्रस्ताव में जिस नरमी की बात की गयी है, उसकी वजह से पुराणी और खस्ताहाल इमारतों का ही नहीं, मछुआरों की बस्तियों और झुग्गियों का विकास भी आराम से संभव हो पाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक पुराणी और खस्ताहाल इमारतों के पुनर्विकास या पुनर्निर्माण की सख्त जरुरत है क्योंकि ये इतनी पुराणी हैं कि किसी भी वक्त गिर सकती हैं। लेकिन पुनर्निर्माण के लिए स्थानीय लोगों को साथ आना होगा और तमाम नियमों का पालन भी करना होगा।
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