पृष्ठ

Need create wants, Wants create tension, Tension creates action And Action creates SATISFACTION

गुरुवार, 30 जून 2011

जनशिक्षण संस्थान द्वारा गरीब व पिछड़े वर्ग के लिए एक पहल

        भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत चण्डीगढ़ स्थित जनशिक्षण संस्थान पिछड़ी कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले अनपढ़ व कम पढ़े लिखे बेरोजगारों व युवक-युवतियों को अपने पैरों पर खड़े होने के भरपूर अवसर प्रदान कर रहा है। इसी के साथ-साथ इस संस्थान द्वारा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत भी विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है।


        जनशिक्षण संस्थान द्वारा मॉडल जेल बुडै़ल में भी जेल के कैदियों को स्वरोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। इस संस्थान द्वारा कैदियों के रूझान को देखते हुए उन्हें उनकी रूचि के अनुसार कार्यों में निपुण किया जाता है। जिससे वे अपने कारावास काल के बाद आत्मनिर्भर बन कर एक नया जीवन शुरू कर सके। उन्हें दिए जाने वाले पाठ्यक्रम हैं-जैविक खाद्य बनाना, सॉफ्ट टॉय बनाना, हेल्थ केयर, स्कूटर/मोटर साईकिल मुरम्मत आदि पाठ्यक्रम हैं।


शॉर्ट हैंड व टाईपिंग का अभ्यास करते प्रशिक्षणार्थी

इस संस्था द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे सिलाई, कढाई, टाईपिंग, सटैनॉग्राफी, शॉर्ट हैंड, कम्पयूटर एप्लीकेशन और ब्यूटीकल्चर आदि। कम समय में उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्राप्त कर पिछड़ी जातियों के लोग सक्षमता से समाज में समान रूप से अपना योगदान दे रहे हैं। यह संस्था स्वंय भी जमीनी स्तर पर राष्ट्रीय निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर रही है।

इनके अतिरिक्त जनशिक्षण संस्थान चण्डीगढ़ ने एक प्लेसमैंट सैल का गठन भी किया है। जिसकी सहायता से संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लोग रोजगार आसानी से ढूंढ सकते हैं। समाज के पिछड़े वर्ग, निरक्षर, अनुसूचित जाति, अल्प संख्यक, महिलाओं व श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों को अपनी आजीविका कमाने के लिए तथा आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में जनशिक्षण संस्थान बेहतर प्रशिक्षण देने की ओर कार्यरत है।

संस्थान की प्रशिक्षार्थी शांति देवी ने बताया कि बहुत कम व्यय के बाद उन्होंने सिलाई का काम इतने बेहतर ढंग से सीख लिया कि अब वे न केवल अपने घर के कपड़े स्वंय ही सिलती हैं बल्कि इसके द्वारा बाहर से काम मिलने के कारण उनकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ गए हैं। इस संस्था का मुख्य लक्ष्य वे सैक्टर हैं जहां पर पिछड़ी जातियों के लोग अधिक हैं जैसे चण्डीगढ़ के सैक्टर 37, 38, 22, 25 के अतिरिक्त बापू धाम कॉलौनी, मलोया में भी समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाता है जिससे अनेक लोगों को लाभ पहुंचा है। शिक्षा के ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ यह संस्थान न केवल इन लोगों को अपने कार्य में निपुणता हासिल करने में सहायता करता है अपितु उच्च कोटि की समाज सेवा की भावना के लिए भी प्रेरित करता है।

कोई टिप्पणी नहीं: