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Need create wants, Wants create tension, Tension creates action And Action creates SATISFACTION

रविवार, 27 मार्च 2011

कानून की सही समझ बेहद जरूरी

सिरसा, 25 मार्च| चौ. देवीलाल विश्वविध्यालय के पत्रकारिता एवम जनसंचार विभाग में चल रही 15 दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन डॉ. बी. पी. सिंह विधार्थियों से रू-ब-रू हुए| इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रिंट व साइबर मीडिया के लिए गुण विकसित करना है| विद्यार्थी भी इस कार्यशाला का लाभ उठाते हुए अपने करियर के प्रति जागरूक हुए|

डॉ. बी. पी. सिंह देवीलाल विश्वविध्यालय में ला विभाग के डीन व सेक्रेटरी हैं| कार्यशाला में उन्होंने कानून व्यवस्था व विभिन्न प्रकार के कानूनों की जानकारी दी और बताया की कानून की सही समझ होना बेहद जरूरी है अन्यथा अधूरी जानकारी के कारण आप कानून के चक्रव्यूह में फंस सकते हैं| उन्होंने संवैधानिक कानून को सबसे पहला और मुख्य कानून बताया| डॉ. सिंह ने कहा की समाज में दो तरह के कानून होते हैं | जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए सज़ा निर्धारित की गई है| पहला कानून substaintive कानून जो अधिकारों - कर्तव्यों की रक्षा के लिए व नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए बनाया गया है| अलग-अलग तरह के अपराधों के लिए क्या-क्या सज़ा दी जाती है और कौन सी धरा लगाई जाती है के बारे में कार्यशाला में मौजूद विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी| 

कार्यशाला के दूसरे भाग में प्रतिभागियों ने सवाल-जवाब पूछने आरम्भ किये| विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्होंने अंत में कहा की भविष्य में किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने से पहले पूर्ण रूप से मुख्य कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है | जिस तरह आधा सच पूरे झूठ से ज्यादा खतरनाक होता है उसी तरह कानून की या किसी भी विषय के बारे में आधी-अधूरी जानकारी भी आपके व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव डालती है | कार्यशाला में विभागाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, प्रो. कृष्ण  कुमार सहित अन्य प्राध्यापक भी मौजूद थे|

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