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Need create wants, Wants create tension, Tension creates action And Action creates SATISFACTION

बुधवार, 30 मार्च 2011

जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुनते श्री प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा

शिकायतें सुनते प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा
   

सिरसा, 29 मार्च। हरियाणा के मुख्य  संसदीय सचिव श्री प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा ने कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में झूठी शिकायतें  दर्ज करवाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस में पर्चा दर्ज करवाया जाएगा। इसलिए आम जन को चाहिए कि वे समिति के एजेंडे में सही शिकायतें ही दर्ज करवाए। श्री गिल्लांखेड़ा आज स्थानीय कृषि ज्ञान केंद्र के सभागार में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुन रहे थे।
    उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत की जांच पड़ताल के लिए जांच अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर तथ्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करे ताकि तथ्यों के आधार पर ही शिकायत का निपटारा हो सके जिससे दोनों पक्षों की संतुष्टि भी हो। उन्होंने सुभाष चंद्र पुत्र श्रवण कुमार केहरवाला निवासी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में कोई भी मैडीकल हाल या दवाईयों की दुकान बिना लाइसेंस के नहीं चलनी चाहिए। साथ ही इन दुकानों पर योग्य प्रमाण पत्र वाले फार्मासिस्ट व्यक्ति ही बैठे। यदि कोई अन्य व्यक्ति दुकान पर दवाई बेचता हुआ पाया जाये है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।
    श्री गिल्लांखेड़ा ने बिज्जूवाली गांव के सरपंच श्री राजाराम की शिकायत सुनते हुए आबकारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी गांव में शराब का ठेका आबादी के आसपास नहीं होना चाहिए| इसके साथ-साथ ओढ़ां निवासी तेजा सिंह पुत्र रुलदू सिंह की बैंक ऋण स्वीकृत न किए जाने की शिकायत पर प्रबंधक अग्रणी बैंक को निर्देश दिए कि वे डीआरडीए व अन्य ऋण प्रायोजित एजेंसियों की सब्सिडी की राशि प्राप्त कर ऋण प्राप्तकर्ताओं को ऋण प्रदान करे ताकि ये लोग अपना रोजगार शुरु कर सके।
    सिंह ने  राधेश्याम पुत्र बृजलाल मंगालिया निवासी द्वारा मैसर्ज राधाकिशन बलदेव कुमार करियाणा व बीज विक्रेता मेन बाजार रानियां के खिलाफ की गई शिकायत की सुनवाई करते हुए अधिकारियों को आदेश दिए कि वे नकली बीज विक्रेताओं के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करे और समय-समय पर किसानों को साथ लेकर विक्रेताओं के प्रस्थानों पर छापामारी करे और किसानों से भी आग्रह किया कि वे विभाग द्वारा अधिकृत बीज विक्रेताओं से ही बीज खरीदे व बीज खरीदते वक्त खरीदे गए बीज की रसीद अवश्य ले। बैठक के एजेंडे में 14 शिकायतें रखी गई थी जिनमें से अधिकतर का निपटारा कर दिया गया।
    बैठक में उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह  यालिया ने अधिकारियों से कहा कि वे कष्ट निवारण समिति के एजेंडे में शामिल सभी शिकायतों की गंभीरता से जांच कर तथ्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। उन्होंन कहा कि शिकायतकर्ता भी जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में स्वयं उपस्थित हो। यदि शिकायतकर्ता ही बैठक में नहीं पहुंचेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। बैठक में नगराधीश श्री एच.सी. भाटिया, जिला कांग्रेस प्रधान श्री मलकीत सिंह खोसा, कांग्रेस नेता होशियारी लाल शर्मा, सुरेश मेहता व अनिल खोड़ सहित समिति के सरकारी व गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।

रविवार, 27 मार्च 2011

कानून की सही समझ बेहद जरूरी

सिरसा, 25 मार्च| चौ. देवीलाल विश्वविध्यालय के पत्रकारिता एवम जनसंचार विभाग में चल रही 15 दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन डॉ. बी. पी. सिंह विधार्थियों से रू-ब-रू हुए| इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रिंट व साइबर मीडिया के लिए गुण विकसित करना है| विद्यार्थी भी इस कार्यशाला का लाभ उठाते हुए अपने करियर के प्रति जागरूक हुए|

डॉ. बी. पी. सिंह देवीलाल विश्वविध्यालय में ला विभाग के डीन व सेक्रेटरी हैं| कार्यशाला में उन्होंने कानून व्यवस्था व विभिन्न प्रकार के कानूनों की जानकारी दी और बताया की कानून की सही समझ होना बेहद जरूरी है अन्यथा अधूरी जानकारी के कारण आप कानून के चक्रव्यूह में फंस सकते हैं| उन्होंने संवैधानिक कानून को सबसे पहला और मुख्य कानून बताया| डॉ. सिंह ने कहा की समाज में दो तरह के कानून होते हैं | जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए सज़ा निर्धारित की गई है| पहला कानून substaintive कानून जो अधिकारों - कर्तव्यों की रक्षा के लिए व नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए बनाया गया है| अलग-अलग तरह के अपराधों के लिए क्या-क्या सज़ा दी जाती है और कौन सी धरा लगाई जाती है के बारे में कार्यशाला में मौजूद विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी| 

कार्यशाला के दूसरे भाग में प्रतिभागियों ने सवाल-जवाब पूछने आरम्भ किये| विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्होंने अंत में कहा की भविष्य में किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने से पहले पूर्ण रूप से मुख्य कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है | जिस तरह आधा सच पूरे झूठ से ज्यादा खतरनाक होता है उसी तरह कानून की या किसी भी विषय के बारे में आधी-अधूरी जानकारी भी आपके व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव डालती है | कार्यशाला में विभागाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, प्रो. कृष्ण  कुमार सहित अन्य प्राध्यापक भी मौजूद थे|

यू. जी. सी. की स्कीम का लाभ लें विद्यार्थी

सिरसा  22 मार्च | चौधरी  देवीलाल विश्वविद्यालय  के  पत्रकारिता  एवं जनसंचार विभाग में चल रही 15 दिवसीय कार्यशाला का 13वां दिन डॉ. राजकुमार सिवाच के नाम रहा| कार्यशाला के आरम्भ में  विभागाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान ने अपने विचार रखे|उन्होंने विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के गुर बताये |

डॉ. सिवाच ने पिछड़ी व अनुसूचित जनजाति वर्ग को दिए जा रहे प्रशिक्षण पर प्रतिभागियों से वार्तालाप किया|सिवाच , विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा चलाई जा रही इस योजना के को-ऑर्डिनेटर है | उन्होंने बताया कि ये कक्षाएं 22 फरवरी 2011 से 31 मार्च 2012 तक चलेंगी| इस कोचिंग के लिए चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में एक सैल का निर्माण किया गया है. इस स्कीम को ३ भागों में विभाजित किया गया है.पहला रिमिडियल जिसमें कि विद्यार्थी जिस विषय में कमजोर हैं उसकी अलग से कोचिंग ले सकता है. दूसरी एंटी इन्टू सर्विसेस जिसमें नौकरियों की परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाएगी. तीसरी में नेट और स्लेट की कोचिंग दी जाएगी. इस स्कीम में विद्यार्थिओं को पढ़ने के साथ पढ़ाने का मौका भी मिल रहा है| इस योजना के तहत भाषाई ज्ञान, अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है|विश्वविद्यालय  से पास हो चुके विद्यार्थी भी इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकते है|

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी भाषा का प्रयोग करते हुए प्रभावशाली ढंग अपनाना चाहिए| सिवाच ने अंत में कहा कि विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा इस स्कीम का लाभ उठाना चाहिए. 

मंगलवार, 22 मार्च 2011

Is Mercy Killing Right or Wrong?

Euthanasia is also known as mercy killing or assisted suicide or doctor assisted termindor of life. It is an act of homocide that is usually carried out to end the life of a who is suffering from extreme, incurable pain or illness. In individual who is tormented by a terminal illness may wish to and his/her own life. but does not have the ability to do it without any help. He/She may request assistance from another person. This is illegal in most, but not all countries of the world. Some locals allow it, as long as strict guidlines are followed and procedure is conducted by a medical proffessional, on the appeal of the patient or where the patient himself is not in position to give a valid consent on the application of his guardian.
                        There are two types of euthanasia- Active and Passive. Active euthanasia involves direct action on the part of a physician to ensure the death of a patient. There are a number of different ways in which this can be done, though the most commonly is overdose of medication that is used to reduce pain. By using this type of method, active euthanasia usually involve no pain for a person, and simply shuts the person physiological system down as he/she sleeps. Passive Euthanasia is withdrawal of life supporting system of terminally ill patient there by leaving it to the nature.
From all these studies, some questions arise: 
  • IS mercy killing right?
I just want to give the answer of this question- if he/she was wanted to die and there was nothing else Docters could do for him or her then 'YES'. I would not want these people to be in no more pain.

बुधवार, 16 मार्च 2011

ब्लॉग लेखन- शौक के साथ कैरियर

सिरसा, 16 मार्च। ब्लॉगिंग का शोक आपकी कमाई का बेहतर साधन बन सकता है। अपने इसी शोक की बदोलत कई लोग लाखों कमा रहे हं। यदि आपको यह शोक है तो आप भी  डॉलर में कमाई कर सकते हैं। बस जरुरत है धैर्य और सही रणनीति की। यह कहना है सिरसा के ब्लॉगर और वायु सेना से सेवानिवृत सुनील नेहरा का। वे चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थियों से प्रिंट व साइबर मीडिया कार्यशाला के दौरान रुबरु हुए। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के आने से रोजगार के अनेक अवसर पैदा हुए है। ब्लॉगिंग भी उन्हीं में से एक है।